मृदुला गर्ग | Mridula Garg साहित्य Hindi Literature Collections

कुल रचनाएँ: 1

Author Image

यहाँ क्षण मिलता है

हम सताए, खीजे, उकताए, गड्ढों-खड्ढों, गंदे परनालों से बचते, दिल्ली की सड़क पर नीचे ज़्यादा, ऊपर कम देखते चले जा रहे थे, हर दिल्लीवासी की तरह, रह-रहकर सोचते कि हम इस नामुराद शहर में रहते क्यों हैं ? फिर करिश्मा ! एक नज़र सड़क से हट दाएँ क्या गई, ठगे रह गए। दाएँ रूख फलाँ-फलाँ राष्ट्रीय बैंक था। नाम ...

पूरा पढ़ें...

मृदुला गर्ग | Mridula Garg का जीवन परिचय