आनन्द विश्वास | Anand Vishvas साहित्य Hindi Literature Collections

कुल रचनाएँ: 30

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मेरे पापा सबसे अच्छे

मेरे पापा सबसे अच्छे,मेरे संग बन जाते बच्चे।झटपट वे घोड़ा बन जाते,और पीठ पर मुझे बिठाते।
पैर हिलाते हिन-हिन करते,धमा चौकड़ी भरते फिरते।और गुलाटी फिर वो भरते,टप-टप, टप-टप बोला करते।
थककर कहते भूखा घोड़ा,माँग रहा है ब्रेड-पकोड़ा।चाय और पकोड़ा लाओ,अब घोड़े क...

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नभ में उड़ने की है मन में

नभ में उड़ने की है मन में,उड़कर पहुँचूँ नील गगन में। काश, हमारे दो पर होते, हम बादल से ऊपर होते। तारों के संग यारी होती, चन्दा के संग सोते होते।
बिन पर सबकुछ मन ही मन में,नभ में उड़ने की है मन में। सुनते हैं बादल से ऊपर, ढ़ेरों ग्रह-उपग्रह होते हैं। उन पर जाते,...

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प्रकृति विनाशक आखिर क्यों है?

बिस्तर गोल हुआ सर्दी का,अब गर्मी की बारी आई।आसमान से आग बरसती,त्राहिमाम् दुनियाँ चिल्लाई।
उफ़ गर्मी, क्या गर्मी ये है,सूरज की हठधर्मी ये है।प्रकृति विनाशक आखिर क्यों है,किस-किस की दुष्कर्मी ये है।
इसकी गलती, उसकी गलती,किसको गलत, सही हम बोलें।लेकिन कुछ तो कहीं गलत है,अपने मन को जरा टटोलें।
थोड़...

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चलो कहीं पर घूमा जाए | गीत

चलो कहीं पर घूमा जाए,थोड़ा मन हल्का हो जाए।सबके, अपने-अपने ग़म हैं,किस ग़म को कम आँका जाए।
अनहोनी को, होना होता,पागल मन को कौन बताए।आँखों में सागर छलका है,खारा जल बहता ही जाए।
कैसे पल हैं, भीगी पलकें,गीली आँखें, कौन सुखाए।कहाँ गए हैं, जाने वाले,चलो किसी से पूछा जाए।
आना-जाना नियम सृष्टि का,गए ...

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मेरे जन्म दिवस पर मुझको

मेरे जन्म दिवस पर मुझको, पापा ने उपहार दिया है।सुन्दर पुस्तक मुझको दी है, पढ़ने वाला प्यार दिया है।इस पुस्तक में इक बालक ने,आतंकी को मार गिराया।बेटा-बेटी सभी पढ़ेंगे,का सुन्दर अभियान चलाया।सभी पढ़ेंगे, सभी बढ़ेंगे, नारे को साकार किया है।मेरे जन्म दिवस पर मुझको, पापा ने उपहार दिया है॥
वृद्धाश्रम ...

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आनन्द विश्वास | Anand Vishvas का जीवन परिचय