कभी कभी मन में आता हैक्यों माँ दीदी को ही कहतीसाग बनाओ, रोटी पोओ ?
कभी कभी मन में आता हॆक्यों माँ दीदी को ही कहतीकपड़े धोलो, झाड़ू दे लो ?
कभी कभी मन में आता हॆक्या मैं सीख नहीं सकता हूंसाग बनाना, रोटी पोना?
कभी कभी मन में आता हैक्या मैं सीख नहीं सकता हूँकपड़े धोना, झाडू देना ?
मैं पढ़ता दीदी...
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