फीजी के पूर्व युवा तथा क्रीडा मंत्री, संसद सदस्य विवेकानंद शर्मा का हिंदी के प्रति गहरा लगाव था । फीजी में हिंदी के विकास के लिए वह निरंतर प्रयत्नशील रहे।
फीजी में हिंदी भाषा के विकास का इतिहास सौ वर्ष से भी अधिक पुराना है । ऐतिहासिक दृष्टि से सन् 1879 में शर्तबंदी प्रथा के अंतर्गत भारतीय मजदूरो...
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