मेरा जन्म सन 1876 ई० में हिरनगो (फिरोजाबाद) में सनाढ्य कुल में हुआ था। मेरे पिता पं० रेवतीरामजी का देहांत सन 1887 ई० में हो गया, और मैं, मेरी माँ व मेरे भाई रामलाल और दुर्गा प्रसाद अनाथ रह गए। पिताजी ने हम लोगों के लिए कोई चार हजार रुपये के गहने, इत्यदि की संपत्ति छोड़ी थी, परंतु वह कुल एक ही वर्...
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