शारदा मोंगा | न्यूजीलैंड साहित्य Hindi Literature Collections

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ग्रामवासिनी

भारत माता ग्रामवासिनी,शस्य श्यामला सुखद सुहासिनी,
हिम-किरीट सुशोभित भाल है,गंगा जमुना कंठ धार है,सागर पवित्र पांव चूमता,पा सुगंध समीर झूमता,शीतल मलयज मधुर हासिनी ,भारत माता ग्रामवासिनी।
जीवनदायी वायु प्राण है,स्वर्गिक कल्पना की पुकार है.वन उपवन फल पुष्पित हँसते,खग कोकिल कुहू भ्रमर गूँजते,खेत खल...

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भूमण्डलीय तापक्रम वृद्धि

प्रश्न चिन्ह? खतरा अत्यधिक,जलप्रदूषण के खतरों से,जीव जगत को बचावो,पानी व्यर्थ न बहावो,पानी है जीवनदाता,पानी की हर बूँद बचाओ.
बुंदिया पानी की अनमोल,जीव जगत,जीवन की डोर,पानी की हर बूँद खेत में,शुष्क धरा को अंकुरित कर,हरित लहराती,जीव जगत की प्यास बुझाती,
शुष्क हो रहे,सूख रहे सब,नदी, नाले, पोखर,और ...

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मैं तटनी तरल तरंगा, मीठे जल की निर्मल गंगा

मैं तटनी तरल तरंगामीठे जल की निर्मल गंगा
पर्वत की मैं बिटियानदी की निर्मल धारा
उद्गम स्थल की शिशुबाला,सखी-धाराओं संग मिल
क्रीडा करती, खिलखिलाती,गाती, इठलाती, इतराती,
बलखाती, तीव्र गति सेमुड जाती,गिर गिर पड़ती,
आगे बढ़ती, पत्थरों से टकराती,दुग्ध फेनिल झाग से नहाती,
कभी दौड़ दौड़, कभी सरक सरककभी...

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रात भर का वह गहरा अँधेरा

रात भर का वह गहरा अँधेरा,गहन अवसाद था बहुतेरा,
रजनी चुपचाप अश्रु बहाती,तुहिन कणों से धरा नहलाती,
अरुणिमा पूरब में छटी जब,रात की गंभीरता घटी तब,
नवल अरुण की लालिमा ले,गगन मुख मंडल मुस्काया,
नव दुल्हन सी प्रकृति सजी,दिश दिशा अनुरंजित हो उठी,
नीडों में सिहरन लहरी,खग चिरप चिरप चहचहाये,
मलयज के ...

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शारदा मोंगा | न्यूजीलैंड का जीवन परिचय