रीता कौशल | ऑस्ट्रेलिया साहित्य Hindi Literature Collections

कुल रचनाएँ: 7

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विडम्बना

मैंने जन्मा है तुझे अपने अंश सेसंस्कारों की घुट्टी पिलाई है ।जिया हमेशा दिन-रात तुझकोममता की दौलत लुटाई है ।
तेरे आँसू के मोती सहेजे हमेशास्नेह की सुगंध से महकायी है ।उच्च विचारों की आचार-संहिताभी तुझे सिखाई-समझाई है ।
हर पल अपने सपनों में तेरे लिएखुशियों की बारात सजाई है ।फिर भी क्यों कहती है ...

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देसियों के विदेशी बुखार

जैसे ही दिवाली आने वाली होती है सोशल मीडिया पर एक पोस्ट तैरने लगती है कि चीन की बनी इलेक्ट्रिक झालर मत खरीदो, अपने यहाँ के कुम्हारों के बने दीये खरीद कर दिवाली पर जलाओ। ऐसा ही रक्षाबंधन के आसपास राखी के धागों को लेकर होता है पर क्या आज ग्लोबलाइजेशन के दौर में विदेशी सामान की खरीद से बचना इतना आसा...

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अंतर्द्वंद्व

ऐ मन! अंतर्द्वंद्व से परेशान क्यों है?जिंदगी तो जिंदगी है, इससे शिकायत क्यों है?
अधूरी चाहतों का तुझे दर्द क्यों है?मृग मारीचिका में आखिर तू फँसा क्यों है?
सपने सभी हों पूरे तुझे ये भ्रम क्यों है?यथार्थ की दुनिया से तू अपरिचित क्यों है?
विचारों के भँवर में तू घिरा क्यों है?कुछ पाया नहीं तो खोन...

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यथार्थ

आँखें बरबस भर आती हैं,जब मन भूत के गलियारों में विचरता है।सोच उलझ जाती है रिश्तों के ताने-बाने में,एक नासूर सा इस दिल में उतरता है।
भीड़ में अकेलेपन का अहसास दिल को खलता है,जीवन की भुल-भुलैया में अस्तित्व खोया सा लगता है।अपनों के बेगाने होने का दर्द हरदम टीसता है,शून्य में खो जाने का हर क्षण अंद...

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आदिम स्वप्न

तुम मन में, तुम धड़कन में जीवन के इक इक पल में मोहपाश में बँधे तुम्हारे हमें थाम कर बनो हमारे।
जीवन में तुमने रंग भरे हैं होंठ गुलाबी और हुए हैं देखो हमको भूल न जाना प्राण हमारे तुम में पड़े हैं।
फूल-फूल गुलशन महके हैं इंद्रधनुषी रंग बिखरे हैंसुरभित मादक ब्यार दहकती अधरों से जब अधर मिले हैं।
ध...

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अर्थहीन

कटु वचनों से आहत करपींग प्रेम की अर्थहीन है।प्रेम समर्पण का नाम दूजा हैहक समझ पाना अर्थहीन है।
कटु प्रसंगों की स्मृतियाँजीवन पर्यन्त ढोना अर्थहीन है।चिड़ियाँ जब खेत चुग गयींतब पछताना अर्थहीन है।
काँटों से मुश्किल जीवन पथ काअंत पुष्प विमान में अर्थहीन है।जीते जी न कभी जाना समझाअब ये रोना धोना अर...

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उपन्यास अरुणिमा के अंश

रीता कौशल के उपन्यास ‘अरुणिमा’ के अंश
उपन्यास: अरुणिमालेखिका: रीता कौशल प्रकाशक: प्रभात प्रकाशन
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अध्याय 15 से...
हर चीज में छोटा बड़ा, अनावश्यक वर्गीकरण! कैसी संस्कृति है यह? जहाँ विज्ञान पढ़ने वाले उच्च श्रेणी के मान...

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रीता कौशल | ऑस्ट्रेलिया का जीवन परिचय