भगवतीचरण वर्मा साहित्य Hindi Literature Collections

कुल रचनाएँ: 4

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मुगलों ने सल्तनत बख्श दी

हीरोजी को आप नहीं जानते, और यह दुर्भाग्‍य की बात है। इसका यह अर्थ नहीं कि केवल आपका दुर्भाग्‍य है, दुर्भाग्‍य हीरोजी का भी है। कारण, वह बड़ा सीधा-सादा है। यदि आपका हीरोजी से परिचय हो जाए, तो आप निश्‍चय समझ लें कि आपका संसार के एक बहुत बड़े विद्वान से परिचय हो गया। हीरोजी को जानने...

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देखो, सोचो, समझो

देखो, सोचो, समझो, सुनो, गुनो औ' जानोइसको, उसको, सम्भव हो निज को पहचानोलेकिन अपना चेहरा जैसा है रहने दो,जीवन की धारा में अपने को बहने दो
तुम जो कुछ हो वही रहोगे, मेरी मानो।
वैसे तुम चेतन हो, तुम प्रबुद्ध ज्ञानी होतुम समर्थ, तुम कर्ता, अतिशय अभिमानी होलेकिन अचरज इतना, तुम कितने भोले होऊपर से ठोस ...

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हम दीवानों की क्या हस्ती

हम दीवानों की क्या हस्ती,आज यहाँ कल वहाँ चले,मस्ती का आलम साथ चला,हम धूल उड़ाते जहाँ चले ।
आए बनकर उल्लास अभी,आँसू बनकर बह चले अभी,सब कहते ही रह गए, अरे,अरे तुम कैसे आए, कहाँ चले ?
किस ओर चले? मत ये पूछो,बस चलना है, इसलिए चले,जग से उसका कुछ लिए चले,जग को अपना कुछ दिए चले,
दो बात कहीं, दो बात स...

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दोस्त एक भी नहीं जहाँ पर 

दोस्त एक भी नहीं जहाँ पर, सौ-सौ दुश्मन जान के, उस दुनिया में बड़ा कठिन है चलना सीना तान के।
उखड़े-उखड़े आज दिख रहे हैं तुमको जो, यार, हम, यह न समझ लेना जीवन का दॉव गए हैं हार हम। वही स्वप्न नयनों में, मन में वही अडिग विश्वास है, खो बैठे हैं किन्तु अचानक अपना ही आधार हम।
इस द...

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भगवतीचरण वर्मा का जीवन परिचय