रामनरेश त्रिपाठी साहित्य Hindi Literature Collections

कुल रचनाएँ: 4

Author Image

अन्वेषण

मैं ढूंढता तुझे था, जब कुंज और वन में।तू खोजता मुझे था, तब दीन के सदन में॥
तू 'आह' बन किसी की, मुझको पुकारता था।मैं था तुझे बुलाता, संगीत में भजन में॥
मेरे लिए खडा था, दुखियों के द्वार पर तू।मैं बाट जोहता था, तेरी किसी चमन में॥
बनकर किसी के आँसू, मेरे लिए बहा तू।आँखें लगी थीं मेरी, तब मान और ध...

पूरा पढ़ें...

रामनरेश त्रिपाठी के नीति के दोहे

विद्या, साहस, धैर्य, बल, पटुता और चरित्र। बुद्धिमान के ये छवौ, है स्वाभाविक मित्र ।।
नारिकेल सम हैं सुजन, अंतर, दयानिधान । बाहर मृदु भीतर कठिन, शठ हैं बेर समान ॥
आकृति, लोधन, वचन, मुख, इंगित, चेष्टा, चाल । बतला देते हैं यही, भीतर की सब हाल ।।
शस्त्र वस्त्र भोजन भवन, नारी सुखद नवीन । किन्तु अन्...

पूरा पढ़ें...

पूत पूत, चुप चुप

मेरे मकान के पिछवाड़े एक झुरमुट में महोख नाम के पक्षी का एक जोड़ा रहता हैं । महोख की आँखें तेज़ रोशनी को नहीं सह सकतीं, इससे यह पक्षी ज्यादातर रात में और शाम को या सबेरे जब रोशनी की चमक धीमी रहती है, अपने खाने की खोज में निकलता है। चुगते-चुगते जब नर और मादा दूर-दूर पड़ जाते हैं, तब एक खास तरह की ...

पूरा पढ़ें...

चतुर चित्रकार

चित्रकार सुनसान जगह में बना रहा था चित्र।इतने ही में वहाँ आ गया यम राजा का मित्र॥
उसे देखकर चित्रकार के तुरंत उड़ गये होश।नदी, पहाड़, पेड़, पत्तों का, रह न गया कुछ जोश॥ 
फिर उसको कुछ हिम्मत आई, देख उसे चुपचाप।बोला--सुन्दर चित्र बना दूं, बैठ जाइये आप॥
उकरु-मुकरु बैठ गया वह, सारे अंग बटोर।ब...

पूरा पढ़ें...

रामनरेश त्रिपाठी का जीवन परिचय