देखनाएक दिन मैं भी उसी तरह शाम मेंकुछ देर के लिए घूमने निकलूंगाऔर वापस नहीं आ पाऊँगा !
समझा जायेगा किमैंने ख़ुद को ख़त्म किया !
नहीं, यह असंभव होगाबिल्कुल झूठ होगा !तुम भी मत यक़ीन कर लेनातुम तो मुझे थोड़ा जानते हो !तुमजो अनगिनत बारमेरी कमीज़ के ऊपर ऐन दिल के पासलाल झंडे का बैज लगा चुके होतुम भ...
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