स्वयं प्रकाश साहित्य Hindi Literature Collections

कुल रचनाएँ: 1

Author Image

नेता जी का चश्मा

हालदार साहब को हर पंद्रहवें दिन कंपनी के काम से सिलसिले में उस कस्बे से गुजरना पड़ता था।
कस्बा बहुत बड़ा नहीं था। जिसे पक्का मकान कहा जा सके वैसे कुछ ही मकान और जिसे बाजार कहा जा सके वैसा एक ही बाजार था। कस्बे में एक लड़कों का स्कूल, एक लड़कियों का स्कूल, एक सीमेंट का छोटा-सा कारखाना, दो ओपन एयर...

पूरा पढ़ें...

स्वयं प्रकाश का जीवन परिचय