यह एक बड़ी पुरानी कहानी है जिसे आप बार-बार सुनते हैं, अक्सर गुनते हैं लेकिन फिर हमेशा भूल जाते हैं। कहानी रोज ही दोहराई जाती है-- पात्र बदल जाएँ, घटनाओं में हेर-फेर आ जाए पर कहानी वहीं की वहीं रहती है, नई और ताजी; जो मैं सुनाने जा रहा हूँ, यह उसी कहानी की एक शक्ल है।
एक थे मास्टर साहब। यूँ कहिए ...
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