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चेहरे से दिल की बात | ग़ज़ल

चेहरे से दिल की बात छलकती ज़रूर है, चांदी हो चाहे बर्क चमकती ज़रूर है।
दिल तो कई दिनों से कहीं खो गया मगर, पहलू में कोई चीज़ धड़कती ज़रूर है।
कमज़र्फ कह रहे हो मगर ये भी जान लो, हो आँख या शराब छलकती ज़रूर है।
ये और बात है कोई महसूस कर न पाये, हर दिल में कोई आग भडकती जरूर है।
छुपती कभी नहीं है...

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अंजुम रहबर का जीवन परिचय