मैं आपसे कहने को ही था, फिर आया खयाल एकायककुछ बातें समझना दिल की, होती हैं मोहाल एकायक
साहिल पे वो लहरों का शोर, लहरों में वो कुछ दूर की गूँजकल आपके पहलू में जो था, होता है निढाल एकायक
जब बादलों में घुल गयी थी कुछ चाँदनी-सी शाम के बादक्यों आया मुझे याद अपना वो माहे-जमाल एकायक
सीनों में कय...
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