पांडेय बेचन शर्मा 'उग्र' साहित्य Hindi Literature Collections

कुल रचनाएँ: 2

Author Image

उसकी माँ

दोपहर को ज़रा आराम करके उठा था। अपने पढ़ने-लिखने के कमरे में खड़ा-खड़ा धीरे-धीरे सिगार पी रहा था और बड़ी-बड़ी अलमारियों में सजे पुस्तकालय की ओर निहार रहा था। किसी महान लेखक की कोई कृति उनमें से निकालकर देखने की बात सोच रहा था। मगर, पुस्तकालय के एक सिरे से लेकर दूसरे तक मुझे महान ही महान...

पूरा पढ़ें...

जेल में क्‍या-क्‍या है

पाण्डेय बेचन शर्मा ‘उग्र' 1926-27 में जेल में बंद थे लेकिन जेल में होने पर भी उनके प्राण किसी प्रकार अप्रसन्‍न नहीं थे। देखिए, जेल में पड़े-पड़े उनको क्या सूझी कि जेल में क्‍या-क्‍या है, पर कविता रच डाली -
‘बैरक' है, ‘बर्थ', ‘बेल' बेड़ियाँ हैं, बावले हैं,ब्&zwj...

पूरा पढ़ें...

पांडेय बेचन शर्मा 'उग्र' का जीवन परिचय