शेरजंग गर्ग साहित्य Hindi Literature Collections

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देश

ग्राम, नगर या कुछ लोगों का काम नहीं होता है देशसंसद, सड़कों, आयोगों का नाम नहीं होता है देश
देश नहीं होता है केवल सीमाओं से घिरा मकानदेश नहीं होता है कोई सजी हुई ऊँची दूकान
देश नहीं क्लब जिसमें बैठ करते रहें सदा हम मौजदेश नहीं केवल बंदूकें, देश नहीं होता है फौज
जहाँ प्रेम के दीपक जलते वहीं हुआ...

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सीधा-सादा 

सीधा-सादा सधा सधा है इसी जीव का नाम गधा हैइसपर कितना बोझ लदा है पर रहता खामोश सदा है ढेंचू ढेंचू कह खुश रहता नहीं शिकायत में कुछ कहता काम करो पर नहीं गधे-सानाम करो पर नहीं गधे-सा-शेरजंग गर्ग [इक्यावन बाल कविताएँ, 2009, आत्माराम एंड संस, दिल्ली]

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शेरजंग गर्ग का जीवन परिचय