हजारीप्रसाद द्विवेदी

हजारीप्रसाद द्विवेदी का जीवन परिचय व रचनाएँ

आचार्य हजारीप्रसाद द्विवेदी का वास्तविक नाम बैजनाथ द्विवेदी था। आपका जन्म 19 अगस्त 1907 ( श्रावण शुक्ल एकादशी) को जन्म आरत दुबे का छपरा, ओझवलिया, बलिया (उत्तर प्रदेश) में हुआ था।

संस्कृत महाविद्यालय, काशी से  शिक्षा ली।  1929 में संस्कृत साहित्य में शास्री और 1930 में ज्योतिष विषय लेकर शास्राचार्य की उपाधि पायी।

8 नवंबर, 1930 को हिन्दी शिक्षक के रुप में शांतिनिकेतन में कार्यरंभ किया। आपने शांतिनिकेतन में 1930 से 1950 तक अध्यापन किया।

आपने अभिनव भारती ग्रंथमाला व विश्वभारती पत्रिका का संपादन किया।  हिंदी भवन, विश्वभारती, के संचालक रहे।  लखनऊ विश्वविद्यालय से सम्मानार्थ डॉक्टर ऑव लिट्रेचर की उपाधि पायी। 1950  में काशी हिंदू विश्वविद्यालय में हिंदी प्रोफेसर और हिंदी विभागध्यक्ष के पद पर नियुक्ति हुए। विश्वभारती विश्वविद्यालय की एक्जीक्यूटिव कांउसिल के सदस्य रहे, काशी नागरी प्रचारिणी सभा के अध्यक्ष, साहित्य अकादमी दिल्ली की साधारण सभा और प्रबंध-समिति के सदस्य रहे। नागरी प्रचारिणी सभा, काशी, के हस्तलेखों की खोज तथा साहित्य अकादमी से प्रकाशित नेशनल बिब्लियोग्रैफी  के निरीक्षक रहे। राजभाषा आयोग के राष्ट्रपति-मनोनीत सदस्य रहे।  1957 में राष्ट्रपति द्वारा पद्मभूषण उपाधि से सम्मानित किए गए। 1960-67  तक पंजाब विश्वविद्यालय, चंडीगढ़ में हिंदी प्रोफेसर और विभागध्यक्ष रहे।

1962 में पश्चिम बंग साहित्य अकादमी द्वारा टैगोर पुरस्कार। 1967  के पश्चात्  पुन: काशी हिंदू विश्वविद्यालय में, जहाँ कुछ समय तक रैक्टर के पद पर भी रहे। 1973 में साहित्य अकादमी द्वारा पुरस्कृत।

जीवन के अंतिम दिनों में उत्तर प्रदेश हिंदी संस्थान के उपाध्यक्ष रहे।

मुख्य कृतियाँ : 

आलोचना : हिन्दी साहित्य की भूमिका, हिन्दी साहित्य, हिन्दी साहित्य का आदिकाल, नाथ सम्प्रदाय, साहित्य सहचर, हिन्दी साहित्य : उद्भव और विकास, सूर साहित्य, कबीर, कालिदास की लालित्य योजना, मध्यकालीन बोध का स्वरूप, साहित्य का मर्म, प्राचीन भारत में कलात्मक विनोद, मेघदूत : एक पुरानी कहानी, मध्यकालीन धर्म साधना, सहज साधना

उपन्यास : बाणभट्ट की आत्मकथा, पुनर्नवा, अनामदास का पोथा, चारु चंद्रलेख

निबंध : कल्प लता, विचार और वितर्क, अशोक के फूल, विचार-प्रवाह, आलोक पर्व, कुटज

अन्य : मृत्युंजय रवीन्द्र, महापुरुषों का स्मरण

संपादन : पृथ्वीराज रासो, संदेश रासक, नाथ सिध्दों की बानियाँ, अभिनव भारती ग्रंथमाला व विश्वभारती पत्रिका का संपादन।

निधन : 19 मई 1979 को आपका निधन हो गया।