डॉ पुष्पा भारद्वाज-वुड | न्यूज़ीलैंड

वैलिंगटन निवासी डा.पुष्पा भारद्वाज-वुड का हिंदी शिक्षण, हिंदी अनुवाद और वैलिंगटन के हिंदी स्कूल में पाठ्यक्रम तैयार करने में विशेष योगदान रहा है। वैलिंगटन में प्रौढ़ों को हिंदी पढ़ाने का श्रेय भी इन्हें ही जाता है।

विक्टोरिया यूनिवर्सिटी ऑफ वैलिंगटन में संस्कृत पढ़ाने की शुरुआत भी इन्होंने ही की थी। डा. भारद्वाज-वुड का हिंदी भाषा और साहित्य से लगाव बचपन से रहा है। वे न्यूज़ीलैंड में पहली छात्रा थीं जिन्होंने 'मध्यकालीन हिंदी साहित्य में धार्मिक आयाम' विषय पर शोध किया था। अपनी पीएचडी की उपाधि के लिए इन्होंने कबीरदास और तुलसीदास की रचनाओं की समीक्षा की थी। आप पिछले 30 वर्षों से हिंदी भाषा के दुभाषिये के रूप में काम करने के साथ-साथ आजकल दुभाषियों के मूल्यांकन में भी सहायता करती हैं।

पुष्पा भारद्वाज-वुड की रचनाएँ भारत-दर्शन में प्रकाशित हुई हैं। 1997 में वेलिंग्टन में भारतीय उच्चायोग द्वारा आयोजित ‘स्वर्ण जयंती समारोह' के आयोजन में आपकी महती भूमिका रही है। इस आयोजन में आप द्वारा हिंदी-अंग्रेज़ी में किया गया मंच संचालन आज भी लोगों को याद है। न्यूज़ीलैंड में विभिन्न मंत्रालयों, संस्थाओं और व्यावसायिक संस्थानों द्वारा जो हिंदी सामग्री उपलब्ध करवायी जाती है, उसके पीछे अधिकतर डॉ. वुड का अनुवाद कौशल और परिश्रम होता है। इन दिनों अपनी हिंदी ई-बुक और हिंदी पाठ्यक्रम पर काम कर रही हैं।