तू इतना कमज़ोर न हो

रचनाकार: राजगोपाल सिंह

तू इतना कमज़ोर न हो
तेरे मन में चोर न हो

जग तुझको पत्थर समझे
इतना अधिक कठोर न हो

बस्ती हो या हो फिर वन
पैदा आदमखोर न हो

सब अपने हैं सब दुश्मन
बात न फैले, शोर न हो

सूरज तम से धुँधलाए
ऐसी कोई भोर न हो

- राजगोपाल सिंह