धवल सिन्ध-तट पर मैं बैठा अपना मानस बहलाता फीजी में पैदा हो कर भी मैं परदेसी कहलाता
यह है गोरी नीति, मुझे सब भारतीय अब भी कहते यद्यपि तन मन धन से मेरा फीजी से ही है नाता
भारत के जीवन से फीजी के जीवन में अन्तर हैभारत कितनी दूर वहाँ पर कौन सदा जाता आता
औपनिवेशिक नीति गरल है, नहीं हमें जीने देती व...
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