शेख़ सादी साहित्य Hindi Literature Collections

कुल रचनाएँ: 5

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गुलिस्तां की कथायें

'गुलिस्तां' शेख़ सादी की उपदेशात्मक कथाओं का संग्रह है। अधिकतर उपदेश-कथाएँ शुष्क मानी जाती हैं लेकिन सादी ने ये उपदेश बड़े सरस व सुबोध ढंग से प्रस्तुत किए गए हैं। सादी की कथा-प्रस्तुति स्वयं उनकी विलक्षण प्रतिभा का प्रमाण है। वह जिस बात को लेते हैं उसे ऐसे उत्कृष्ट और भावपूर्ण शब्दों में वर्णन कर...

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उत्‍तम उपासना

एक अत्याचारी बादशाह ने किसी साधु से पूछा कि मेरे लिए कौन-सी उपासना उत्‍तम है?
उत्‍तर मिला कि तुम्हारे लिए दोपहर तक सोना सब उपासनाओं से उत्‍तम है, जिससे उतनी देर तुम किसी को सता न सको।
- शेख़ सादी
 

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सुखद समाचार

एक अरब बादशाह बीमार था। उसके जीने की कोई आशा न थी। वैद्यों ने जवाब दे दिया था। इन्हीं दिनों एक सवार ने आकर उसे किसी किले की फतह का सुखद समाचार सुनाया। बादशाह ने लंबी सांस लेकर कहा, 'यह ख़बर मेरे लिए नहीं, मेरे उत्‍तराधिकारियों के लिए सुखदायक हो सकती है।'
- शेख़ सादी
 

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दो फ़कीर

दो फ़कीर थे। उनकी आपस में गहरी दोस्ती थी पर दोनों की शक्ल-सूरत और खान-पान में बड़ा अन्तर था। एक मोटा-मुस्टंड़ा था व दिन में कई-कई बार खाने पर हाथ साफ़ करता था। पर दूसरा कई-कई दिन उपवास करता था, इसलिए वह दुबला-पतला था।
एक बार राजा के लोगों को इन फ़कीरों पर शक हुआ कि शायद ये किसी दुश्मन के जासूस ह...

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निंदा

शेख़ सादी बाल्यावस्था में अपने पिता के साथ मक्का जा रहे थे। सादी सारी रात कुरान पढ़ते रहे। कई आदमी उनके पास खर्राटे ले रहे थे। सादी ने अपने पिता से कहा, इन सोने वालों को देखिये, कितने आलसी हैं! नमाज़ पढ़ना तो दूर रहा कोई सुबह उठता तक नहीं। पिता ने उत्‍तर दिया, "बेटा, तू भी सोया रहता तो अच्छा ...

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शेख़ सादी का जीवन परिचय