गाड़ी हरबंसपुरा के स्टेशन पर खड़ी थी। इसे यहाँ रुके पचास घंटे से ऊपर हो चुके थे। पानी का भाव पाँच रुपये गिलास से एकदम पचास रुपये गिलास तक चढ गया और पचास रुपये हिसाब से पानी खरीदते समय लोगों को बडी नरमी से बात करनी पडती थी । वे डरते थे कि पानी का भाव और न चढ जाएे । कुछ लोग अपने दिल को तसल्ली दे रह...
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