भारत-दर्शन साहित्य Hindi Literature Collections

कुल रचनाएँ: 6

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छोटी हिन्दी कहानियां

दस शिक्षाप्रद व प्रेरणादायक कहानियाँ
मेज़बान - ख़लील जिब्रान की कहानी 
"कभी हमारे घर को भी पवित्र करो ।" करूणा से भीगे स्वर में भेड़िये ने भोली-भाली भेड़ से कहा ।
मैं जरूर आती बशर्ते तुम्हारे घर का मतलब तुम्हारा पेट न होता ।" भेड़ ने नम्रतापूर्वक जवाब दिया ।
- ख़लील जिब्रान[Hindi St...

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माओरी कहावतें (21-25)


Ki te kotahi te kakaho ka whati, ki te kapuia e kore e whati.Alone we can be broken. Standing together, we are invincible.एक अकेले को हराया जा सकता है। इकट्ठे एक साथ खड़े, अजेय होते हैं।
He tao huata e taea te karo, he tao kupu kāore e taea te karo.A spear can be deflected but once words have ...

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माओरी कहावतें (26-30)


Tiwhatiwha te põ, tiwhatiwha te ao. Gloom and sorrow prevail, day and night. सुख-दुख जीवनचक्र के साथ चलते हैं, न सदा दिन रहता और न रात।
Käore te kūmara e kōrero mō tōna ake reka. The (kūmara sweet potato) doesn't speak of its own sweetness. शकरकंद अपनी मिठास का ...

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शारदाचरण मित्र

हिंदी के दिलदार सिपाही - इन्हें हिंदी से प्यार था 
न्यायमूर्ति शारदाचरण मित्र (17 दिसम्बर, 1848 - 1917) देवनागरी लिपि के प्रबल समर्थक थे। आप चाहते थे कि समस्त भारतववर्ष में उसी का प्रचार हो। इसी उद्देश्य से 1905 में 'एक-लिपि-विस्तार परिषद्‌' नामक सभा स्थापित की, जिसके आप सभापति थे। &nb...

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विक्रमादित्य का न्याय

विक्रमादित्य का राज था। उनके एक नगर में जुआ खेलना वर्जित था। एक बार तीन व्यक्तियों ने यह अपराध किया तो राजा विक्रमादित्य ने तीनों को अलग-अलग सज़ा दी। एक को केवल उलाहना देते हुए, इतना ही कहा कि तुम जैसे भले आदमी को ऐसी हरकत शोभा नहीं देती। दूसरे को कुछ भला-बुरा कहा, और थोड़ा झिड़का। तीसरे का मुँह ...

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ईश्वरचंद्र विद्यासागर


ईश्वरचंद्र विद्यासागर का जन्म 26 सितंबर, 1820 को पश्चिम बंगाल के मेदिनीपुर में एक ब्राह्मण परिवार में हुआ था। आपके पिता का नाम ठाकुरदास बन्धोपाध्याय और माता का नाम भगवती देवी था। आपका वास्तविक नाम ईश्वरचंद बंदोपाध्याय था।
ईश्वरचंद्र आगे चल कर एक महान समाज सुधारक, शिक्षा शास्त्री और स्वाधीनता स...

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भारत-दर्शन का जीवन परिचय