इसक अलाह की जाति है, इसक अलाह का अंग। इसक अलाह औजूद है, इसक अलाह का रंग।।
घीव दूध में रमि रह्या सबही ठौर। दादू बकता बहुत है, मथि काढैं ते और।।
कहैं लखैं सो मानवी, सैन लखै सो साध। मन की लखै सु देवता, दादू अगम अगाध।।
आसिक मासूक ह्वै गया, इसक कहावै सोइ। दादू उस मासूक का, अल्लाह आसिक होर्इ।।
मिश्...
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