जैमिनी हरियाणवी | Jaimini Hariyanavi साहित्य Hindi Literature Collections

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वे और तुम | हज़ल

मुहब्बत की रियासत में सियासत जब उभर जाये प्रिये, तुम ही बताओ जिन्दगी कैसे सुधर जाये? 
चुनावों में चढ़े हैं वे, निगाहों में चढ़ी हो तुम चढ़ाया है तुम्हें जिसने कहीं रो-रो न मर जाये! 
उधर वे जीतकर लौटे, इधर तुमने विजय पाई हमेशा हारने वाला जरा बोलो किधर जाये?
वहाँ वे वॉट ...

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प्यार भरी बोली | होली हास्य कविता

होली पर हास्य-कवि जैमिनी हरियाणवी की कविता
होली के दिन ये क्या ठिठोली है छुट्टी अपनी तो आज हो ली है देह बन्दूक सी दिखे तेरी और चितवन ज्यूँ लगे गोली है। एक बिल्ली-सी आँख खोली है एक बकरी-सी बोले बोली है मर्खनी भैंस सी अदा तेरी छुट्टी अपनी तो आज हो ली है
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बीच सड़कों पे मस्त टोली है सबकी बस प...

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जैमिनी हरियाणवी | Jaimini Hariyanavi का जीवन परिचय