(21)
बानी ऐसी बोलिये, मन का आपा खोय।औरन को सीतल करै, आपहु सीतल होय॥
(22)
मन मोती अरु दूध रस, इनकी सहज सुभाय।फट जाये तो ना मिले, कोटिन करो उपाय॥
(23)
वे रहीम नर धन्य हैं, पर उपकारी अंग।बाँटनवारे को लगै, ज्यौं मेंहदी को रंग॥
(24)
रहिमह ओछे नरन सो, बैर भली ना प्रीत।काटे चाटे स्वान के, दोउ भाँ...
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