एक मित्र मिले, बोले, "लाला, तुम किस चक्की का खाते हो?इस डेढ़ छटांक के राशन में भी तोंद बढ़ाए जाते हो।क्या रक्खा माँस बढ़ाने में, मनहूस, अक्ल से काम करो।संक्रान्ति-काल की बेला है, मर मिटो, जगत में नाम करो।"हम बोले, "रहने दो लेक्चर, पुरुषों को मत बदनाम करो।इस दौड़-धूप में क्या रक्खा, आराम करो, आराम...
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