कब तक यूं बहारों में पतझड़ का चलन होगा?कलियों की चिता होगी, फूलों का हवन होगा ।
हर धर्म की रामायण युग-युग से ये कहती है, सोने का हरिण लोगे, सीता का हरण होगा ।
जब प्यार किसी दिल का पूजा में बदल जाए,हर पल आरती होगी, हर शब्द भजन होगा ।
जीने की कला हम ने सीखी है शहीदों से,होठों पे ग़ज़ल होगी जब सि...
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