न हाथ एक शस्त्र होन हाथ एक अस्त्र हो,न अन्न, नीर, वस्त्र हो,हटो नहीं,डटो वहीं,बढ़े चलो!बढ़े चलो!
रहे समक्ष हिमशिखर,तुम्हारा प्रण उठे निखर,भले ही जाए तन बिखर,रुको नहीं,झुको नहींबढ़े चलो!बढ़े चलो!
घटा घिरी अटूट हो,अधर में कालकूट हो,वही अम्रत का घूँट हो,जिये चलो,मरे चलो,बढ़े चलो!बढ़े चलो!
गगन उगल...
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