हैं जनम लेते जगह में एक ही,एक ही पौधा उन्हें है पालता।रात में उन पर चमकता चांद भी,एक ही सी चांदनी है डालता।।मेह उन पर है बरसता एक-सा,एक-सी उन पर हवाएं हैं बहीं।पर सदा ही यह दिखाता है हमें,ढंग उनके एक-से होते नहीं।।छेद कर कांटा किसी की उंगलियां,फाड़ देता है किसी का वर वसन।प्यार-डूबी तितलियों का पर...
पूरा पढ़ें...