देहात का विरला ही कोई मुसलमान प्रचलित उर्दू भाषा के दस प्रतिशत शब्दों को समझ पाता है। - साँवलिया बिहारीलाल वर्मा।

Archive of जनवरी-फरवरी 2023 Issue

जनवरी-फरवरी 2023

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सदैव की भांति इस अंक में भी  'कथा-कहानी' के अंतर्गत कहानियाँलघु-कथाएं व बाल कथाएं प्रकाशित की गई हैं। इस अंक के काव्य  में सम्मिलित है - कविताएंदोहेभजनबाल-कविताएंहास्य कविताएं व गज़ल

नए वर्ष का यह प्रवेशांक आपको भेंट।

12वाँ विश्व हिन्दी सम्मेलन 15-17 फरवरी तक फ़िजी में आयोजित हो रहा है। विश्व हिन्दी सम्मेलन पर विशेष सामग्री पढ़ें।

इस अंक की कहानियों में शुरुआती दौर के ब्रिटेन के कथाकार डॉक्टर धनीराम प्रेम की कहानी, 'देवता', रावी की कहानी, 'पहला कहानीकार', ओ. हेनरी की अनूदित कहानी, 'एक मिट्टी दो रंग' और मेधा झा की कहानी, 'भोर का शहर' सम्मिलित की गई हैं। लघुकथाओं में मनीष खत्री की,'मन की बात', रेखा वशिष्ठ की, 'भावुक', डॉ प्रेमनारायण टंडन की, 'संबंधी' और रोहित कुमार की 'प्रवासी' पढ़िए। लोक कथा में 'हाथियों के पंख' पढ़ें और इसके अतिरिक्त 'कलश का उत्तर' बोधकथा प्रकाशित की गई है।

इस बार 'रत्नावली के दोहे', 'बीरबल का सवैया' और उदयभानु हंस की हिंदी रुबाइयाँ पढ़िए। अलका सिन्हा की, 'मैं करती हूँ चुमौना', डॉ रमेश पोखरियाल निशंक की कविता, ''हिंदी देश की शान' डॉ मृदुल कीर्ति (ऑस्ट्रेलिया) की कविता, 'मुझे थाम लेना', अनिल जोशी की, 'जैसे मेरे हैं', सिंगापुर से डॉ संध्या सिंह की चार कविताएं, आराधना झा श्रीवास्तव (सिंगापुर) की, 'वो राम राम कहलाते हैं', विनोद कुमार दूबे (सिंगापुर) की, 'बिटिया रानी', गिरेन्द्रसिंह भदौरिया "प्राण" की, 'रौद्रनाद', डॉ सुशील कुमार की, 'प्रणम्य काशी', ज्ञानेंद्रपति की कविता, 'गणतंत्र-दिवस', प्रीता व्यास (न्यूज़ीलैंड) की, 'कसौटी', डॉ सुनीता शर्मा (न्यूज़ीलैंड) की, 'प्रवासी भारतीय तू...' और डॉ पुष्पा भारद्वाज-वुड (न्यूज़ीलैंड) की क्षणिकाएँ पढ़ें।

बाल साहित्य में पंचतंत्र की कहानी के अतिरिक्त इस बार दिव्या माथुर (ब्रिटेन) के बाल उपन्यास, 'बिन्नी बुआ का बिल्ला' उपन्यास का एक अंश 'फ़ौएसफ़र' व सुरेन्द्र सिंह नेगी की बालकथा, 'महान सोच' प्रकाशित की है।

दोहों में प्रो. राजेश कुमार के दोहे और ग़ज़लों में त्रिलोचन, संध्या नायर (ऑस्ट्रेलिया) और निज़ाम-फतेहपुरी की ग़ज़लें पढ़ें।

इस बार शिवमंगल सिंह सुमन का गीत, 'गीत गाने को दिए पर स्वर नहीं' और क्षेत्रपाल शर्मा का गीत, 'बीता बचपन' व मनोहरलाल रत्नम का गीत 'रिश्तों पर दीवारें' प्रकाशित हुए हैं। इसके अतिरिक्त 'हाइकु' हैं, हास्य काव्य में इस बार काका हाथरसी की रचना, 'श्रोताओं की फब्तियाँ', चिरंजीत की, 'सरल है; कठिन है' और अश्वघोष की रचना, 'कैसी लाचारी' पढ़िए।

व्यंग्य में प्रो. राजेश कुमार का, 'तेरा न्यू ईयर तो मेरा नया साल', प्रेम विज का, 'ढूंढते रह जाओगे', डॉ हरीशकुमार सिंह का, 'सारे जहाँ से अच्छा जनतंत्र हमारा' और प्रभात गोस्वामी का व्यंग्य, 'व्यंग्य चोट करता है, गुदगुदाता है' सम्मिलित हैं।

भारत में एक मंदिर ऐसा भी है जहाँ 'श्रीराम' की पूजा 'भगवान' के रूप में न होकर 'राजा राम' के रूप में होती है और उन्हें बाकायदा सशस्त्र सलामी दी जाती है। 'ओरछा' के 'राजाराम मंदिर' के बारे में दिलचस्प जानकारियाँ पढ़ें। 'प्रवासी दिवस' पर कुछ नई जानकारी पठनीय है।

आलेखों में, 'गणतन्त्र की ऐतिहासिक कहानी', 'विश्व हिन्दी दिवस' और डॉ राम प्रसाद प्रजापति हमें 'महाकाल लोक' की जानकारी दे रहे है। इस अंक में डॉ वंदना मुकेश (ब्रिटेन ) का ललित निबंध, 'आधी रात का चिंतन' पढ़िए।

इस बार 'बातें देश-विदेश' के अंतर्गत विनीता तिवारी 'ब्रिटिश प्रधानमंत्री-ऋषि सुनक ' की चर्चा कर रही हैं।

रीता कौशल (ऑस्ट्रेलिया) का नया उपन्यास, 'अरुणिमा' के अंश भी पढ़िए।

साक्षात्कार में रूस के प्रो. लुदमिला खोखलोवा से डॉ. संध्या सिंह की बातचीत।

गद्य काव्य में प्रेम नारायण टंडन और शान्तिप्रसाद वर्मा की रचनाएँ उल्लेखनीय हैं।

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