देहात का विरला ही कोई मुसलमान प्रचलित उर्दू भाषा के दस प्रतिशत शब्दों को समझ पाता है। - साँवलिया बिहारीलाल वर्मा।

सुनिए तो - आंकड़े बोलते हैं (विविध)

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Author: रोहित कुमार हैप्पी

इन पृष्ठों में उन तथ्यों को उपलब्ध करवाया जाएगा जो जनहित में हैं और अन्यत्र सरल सुलभ नहीं।

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