देहात का विरला ही कोई मुसलमान प्रचलित उर्दू भाषा के दस प्रतिशत शब्दों को समझ पाता है। - साँवलिया बिहारीलाल वर्मा।

व्यंग्य

हिंदी व्यंग्य. Hindi Satire.

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अच्छा है कि दिल पास में नहीं था - प्रो. राजेश कुमार

हैप्पी जी को दिल का दौरा पड़ गया, और उन्हें दो स्टंट लगवाने पड़े। हैप्पी जी विदेश में रहते हैं, इसलिए उनकी चिकित्सा देखभाल तत्काल हो गई। अगर हमारी तरह भारत में रहते, तो उन्हें चिकित्सा तक पहुँचने के लिए भी बहुत सारे स्टंट करने पड़ते हैं, और फिर आगे तो खैर भगवान ही मालिक रहता ही है।

 
कुत्ते और इंसान - डॉ सुरेश कुमार मिश्रा उरतृप्त

शहर के बीचों-बीच एक बगीचा है, जहां रोज़ सुबह लोग टहलने आते हैं। किसी के हाथ में कुत्ते की रस्सी है, किसी के हाथ में मोबाइल। कुत्ते बेफिक्र घास पर दौड़ रहे हैं, और लोग थके-हारे सांसें ले रहे हैं। ऐसा लगता है जैसे कुत्ते भी इंसान को टहला रहे हों।

 

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