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उषा प्रियंवदा | Usha Priyamvada
हिंदी लेखिका, 'उषा प्रियंवदा' का जन्म 24 दिसंबर 1931 को हुआ। आपने इलाहाबाद विश्वविद्यालय से अँग्रेज़ी साहित्य में एम. ए. की। कुछ समय तक वहीं अध्यापन किया। तत्पश्चात अमरीका के इंडियाना विश्वविद्यालय में आधुनिक अमरीकी साहित्य पर शोध किया।
उषा प्रियंवदा आज की एक सशक्त कहानी लेखिका हैं। 'वापसी' उषा प्रियंवदा की प्रतिनिधि
Author's Collection
Total Number Of Record :1वापसी - उषा प्रियंवदा
गजाधर बाबू ने कमरे में जमा सामान पर एक नज़र दौड़ाई - दो बक्स, डोलची, बाल्टी। ''यह डिब्बा कैसा है, गनेशी?'' उन्होंने पूछा। गनेशी बिस्तर बाँधता हुआ, कुछ गर्व, कुछ दु:ख, कुछ लज्जा से बोला, ''घरवाली ने साथ में कुछ बेसन के लड्डू रख दिए हैं। कहा, बाबूजी को पसन्द थे, अब कहाँ हम गरीब लोग आपकी कुछ खातिर कर पाएँगे।'' घर जाने की खुशी में भी गजाधर बाबू ने एक विषाद का अनुभव किया जैसे एक परिचित, स्नेह, आदरमय, सहज संसार से उनका नाता टूट रहा था।
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