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शैल चतुर्वेदी | Shail Chaturwedi
शैल चतुर्वेदी (Shail Chaturvedi) का जन्म 29 जून 1936 को हुआ था।
शैल चतुर्वेदी काका हाथरसी, हुल्लड़ मुरादाबादी जैसे हास्य कवियों के समकालीन थे। आपकी की कविताओं को 70 और 80 के दशक के बदलते राजनीतिक समीकरणों से बहुत प्रसिद्धि मिली।
शैल चतुर्वेदी का 71 वर्ष की आयु में 29 अक्टूबर 2007 को मुंबई में निधन हो गया। हास्य व्यंग के लिए प्रसिद्ध शैल चतुर्वेदी कुछ समय से गुर्दे और दूसरी बीमारियों से पीड़ित थे।
Author's Collection
Total Number Of Record :7कार सरकार | हास्य
नए-नए मंत्री ने
अपने ड्राइवर से कहा—
‘आज कार हम चलाएँगे।’
ड्राइवर बोला—
‘हम उतर जाएँगे
हुज़ूर, चलाकर तो देखिए
आपकी आत्मा हिल जाएगी
यह कार है, सरकार नहीं जो
भगवान के भरोसे चल जाएगी।’
...
लेन-देन
एक महानुभाव हमारे घर आए
उनका हाल पूछा
तो आँसू भर लाए,
बोले--
"रिश्वत लेते पकड़े गए हैं
बहुत मनाया, नहीं माने
भ्रष्टाचार समिति वाले
अकड़ गए हैं।
सच कहता हूँ
मैनें नहीं माँगी थी
देने वाला ख़ुद दे रहा था
...
तुम वाकई गधे हो
एक गधा
दूसरे गधे से मिला
तो बोला- "कहो यार कैसे हो?"
दूसरा बोला- "तुम वाकई गधे हो
एक साल होने को आया
एक ही जगह बंधे हो
डाक्टरों ने दल बदले
मगर तुमने
खूंटा तक नहीं बदला।"
तभी बोल उठा पहला-
"सामने वाले बंगले में
...
प्रश्न
प्रश्न था - " नाम ?"
हमने लिख दिया - "बदनाम"
"काम"
"बेकाम।"
"आयु ?"
"जाने राम ।"
"निवास स्थान ?"
"हिन्दुस्तान।"
"आमदनी ?" "
"आराम हराम ।"
-शैल चतुर्वेदी
...सौदागर ईमान के
आँख बंद कर सोये चद्दर तान के,
हम ही हैं वो सेवक हिन्दुस्तान के ।
बहते-बहते पार लगे हैं हम चुनाव की बाढ़ में,
स्वतंत्रता को पकड़ रखा है हमने अपनी दाढ़ में ।
हीरे औ' माणिक हैं हम ही प्रजातंत्र की खान के
...
तेरे भीतर अगर नदी होगी | ग़ज़ल
तेरे भीतर अगर नदी होगी
तो समंदर से दोस्ती होगी
कोई खिड़की अगर खुली होगी
तो खयालों में ताज़गी होगी
भीड़ में जिसको भूल बैठा है
याद कर तेरी जिंदगी होगी
दिल को जलने दे और जलने दे
आग होगी तो रोशनी होगी
...