देहात का विरला ही कोई मुसलमान प्रचलित उर्दू भाषा के दस प्रतिशत शब्दों को समझ पाता है। - साँवलिया बिहारीलाल वर्मा।

गैर (कथा-कहानी)

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Author: जोगेंदर पाल

मुझे अपने आप पर शक होने लगा है। मैं कोई और हो गया हूँ।

-जोगेंदर पाल 
[संपादक – बलराम, भारतीय लघुकथा कोश (भाग-2), दिनमान प्रकाशन,  1990]

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