मुझे अपने आप पर शक होने लगा है। मैं कोई और हो गया हूँ।
-जोगेंदर पाल
[संपादक – बलराम, भारतीय लघुकथा कोश (भाग-2), दिनमान प्रकाशन, 1990]
गैर (कथा-कहानी) |
मुझे अपने आप पर शक होने लगा है। मैं कोई और हो गया हूँ।
-जोगेंदर पाल
[संपादक – बलराम, भारतीय लघुकथा कोश (भाग-2), दिनमान प्रकाशन, 1990]