देहात का विरला ही कोई मुसलमान प्रचलित उर्दू भाषा के दस प्रतिशत शब्दों को समझ पाता है। - साँवलिया बिहारीलाल वर्मा।

कौन सा अच्छा 

 (बाल-साहित्य ) 
Print this  
रचनाकार:

 भारत-दर्शन संकलन | Collections

एक दिन बादशाह अकबर अपने दरबार में बैठे अपने दरबारियों से दिल बहलाव की बातें कर रहे थे। इसी बीच बीरबल भी आ पहुँचा। 

बाद‌शाह ने बीरबल से पूछा--"बीरबल! क्या बतला सकते हो कि फल कौनसा अच्छा? दूध किसका अच्छा, पत्ता किसका अच्छा, फूल कौन सा अच्छा, मिठास कौन सी अच्छी, राजा कौन अच्छा?" 

उपस्थित मण्डली में एक भी ऐसा न था जो इन प्रश्नों के उचित उत्तर देता। 
 
बीरबल बोला-- "पृथिवीनाथ! फलों में बेटा अच्छा है, जिससे बाप दादों का नाम पुश्त-दर-पूश्त चलता जाता है। दूध माता का उत्तम होता है, जिससे सब का पालन-पोषण होता है। पत्ता पान का अच्छा होता है, इसके देने से नौकर स्वामिभक्त हो जाता है, यहाँ तक कि उसके लिये प्राण तक न्योछावर करने को उद्यत हो जाता है। फूल कपास का अच्छा होता है, कारण कि उसके सहारे संसार भर की लजा रहती है। मिठास वाणी की अच्छी होती है, जिसके फल स्वरूप बिना पैसा-कौड़ी के लोग वश में हो जाते हैं। राजाओं में इन्द्र महान है, जो पानी बरसाकर जगत को पालता है।" बीरबल के ऐसे उत्तर से सब सभासदों सहित बादशाह भी अति प्रसन्न हुए और बीरबल को कई बीघे भूमि जागीर दी।

[अकबर बीरबल विनोद]

Back
 
Post Comment
 
 

सब्स्क्रिप्शन

सर्वेक्षण

भारत-दर्शन का नया रूप-रंग आपको कैसा लगा?

अच्छा लगा
अच्छा नही लगा
पता नहीं
आप किस देश से हैं?

यहाँ क्लिक करके परिणाम देखें

इस अंक में

 

इस अंक की समग्र सामग्री पढ़ें

 

 

सम्पर्क करें

आपका नाम
ई-मेल
संदेश